गए ज़मानों की दर्द कजलाई भूली बिसरी किताब पढ़ कर By Sher << फिर से वो लौट कर नहीं आया ज़िंदगी के आख़िरी लम्हे ख... >> गए ज़मानों की दर्द कजलाई भूली बिसरी किताब पढ़ कर जो हो सके तुम से आने वाले दिनों के रंगीन ख़्वाब लिखना Share on: