ग़ैरों पे खुल न जाए कहीं राज़ देखना By Sher << साँस लेता हूँ के पत-झड़ स... कोई सबब तो है ऐसा कि एक उ... >> ग़ैरों पे खुल न जाए कहीं राज़ देखना मेरी तरफ़ भी ग़म्ज़ा-ए-ग़म्माज़ देखना Share on: