ग़ज़ब है रूह से इस जामा-ए-तन का जुदा होना By Sher << हाल पूछो न मिरे रोने का ब... एक को दो कर दिखाए आइना >> ग़ज़ब है रूह से इस जामा-ए-तन का जुदा होना लिबास-ए-तंग है उतरेगा आख़िर धज्जियाँ हो कर Share on: