गली गली मिरी याद बिछी है प्यारे रस्ता देख के चल By Sher << ओ पिछली रुत के साथी इश्क़ की कौन सी मंज़िल पे... >> गली गली मिरी याद बिछी है प्यारे रस्ता देख के चल मुझ से इतनी वहशत है तो मेरी हदों से दूर निकल Share on: