ग़म मुझे देते हो औरों की ख़ुशी के वास्ते By Sher << तुम मिरे इरादों के डोलते ... कफ़न ऐ गर्द-ए-लहद देख न म... >> ग़म मुझे देते हो औरों की ख़ुशी के वास्ते क्यूँ बुरे बनते हो तुम नाहक़ किसी के वास्ते you heap these sorrows onto me, why for other's sake? for someone else, needlessly this blame why do you take? Share on: