ग़म-ए-जहाँ हो रुख़-ए-यार हो कि दस्त-ए-अदू By Sher << गुलों में रंग भरे बाद-ए-न... गर्मी-ए-शौक़-ए-नज़ारा का ... >> ग़म-ए-जहाँ हो रुख़-ए-यार हो कि दस्त-ए-अदू सुलूक जिस से किया हम ने आशिक़ाना किया Share on: