गामज़न हैं हम मुसलसल अजनबी मंज़िल की सम्त By Sher << एक ख़ुश्बू थी जो मल्बूस प... पत्तों को छोड़ देता है अक... >> गामज़न हैं हम मुसलसल अजनबी मंज़िल की सम्त ज़िंदगी की आरज़ू में ज़िंदगी खोते हुए Share on: