गरचे तर्क-ए-आश्नाई को ज़माना हो गया By Sher << सौ बार बोसा-ए-लब-ए-शीरीं ... चली भी जा जरस-ए-ग़ुंचा की... >> गरचे तर्क-ए-आश्नाई को ज़माना हो गया लेकिन अब तक चौंक उठते हैं वो मेरे नाम से Share on: