गर्मी-ए-हुस्न की मिदहत का सिला लेते हैं By Sher << याद अश्कों में बहा दी हम ... इस अँधेरे में तो ठोकर ही ... >> गर्मी-ए-हुस्न की मिदहत का सिला लेते हैं मिशअलें आप के साए से जला लेते हैं Share on: