ग़ुबार-ए-शहर में उसे न ढूँड जो ख़िज़ाँ की शब By Sher << आकाश की हसीन फ़ज़ाओं में ... अब तो हर वक़्त वही इतना र... >> ग़ुबार-ए-शहर में उसे न ढूँड जो ख़िज़ाँ की शब हवा की राह से मिला, हवा की राह पर गया Share on: