ग़ुर्बत बस अब तरीक़-ए-मोहब्बत को क़त्अ कर By Sher << आसमाँ कह रहा है अपनी बात उफ़ुक़ पर डूबने वाला सिता... >> ग़ुर्बत बस अब तरीक़-ए-मोहब्बत को क़त्अ कर मुद्दत हुई है अहल-ए-वतन से जुदा हुए Share on: