किया बदनाम इक आलम ने 'ग़मगीं' पाक-बाज़ी में By Sher << अक़्ल अय्यार है सौ भेस बद... चाँद है पानी में या भूले ... >> किया बदनाम इक आलम ने 'ग़मगीं' पाक-बाज़ी में जो मैं तेरी तरह से बद-नज़र होता तो क्या होता Share on: