घर के दुखड़े शहर के ग़म और देस बिदेस की चिंताएँ By Sher << आप के बा'द हर घड़ी हम... आँख किस लफ़्ज़ पे भर आई ह... >> घर के दुखड़े शहर के ग़म और देस बिदेस की चिंताएँ इन में कुछ आवारा कुत्ते हैं कुछ हम ने पाले हैं Share on: