गुज़रे हज़ार बादल पलकों के साए साए By Sher << दिल-ए-मरहूम को ख़ुदा बख़्... बे दिए ले उड़ा कबूतर ख़त >> गुज़रे हज़ार बादल पलकों के साए साए उतरे हज़ार सूरज इक शह-नशीन-ए-दिल पर Share on: