गुज़री सियाहकारी में या रब तमाम उम्र By Sher << कोई फ़ित्ना न उठा फ़ित्ना... गो ज़ख़्मी हैं हम पर उसे ... >> गुज़री सियाहकारी में या रब तमाम उम्र आधी शबाब में कटी आधी ख़िज़ाब में Share on: