गुल हो महताब हो आईना हो ख़ुर्शीद हो मीर By Sher << था व'अदा शाम का मगर आ... बुलंद नाम न होगा सितम-शिआ... >> गुल हो महताब हो आईना हो ख़ुर्शीद हो मीर अपना महबूब वही है जो अदा रखता हो Share on: