हाँ अहल-ए-तलब कौन सुने ताना-ए-ना-याफ़्त By Sher << रेहन सरशारी-फ़ज़ा के हैं सुना है लोग उसे आँख भर के... >> हाँ अहल-ए-तलब कौन सुने ताना-ए-ना-याफ़्त देखा कि वो मिलता नहीं अपने ही को खो आए Share on: