हाँ दिल-ए-बे-ताब चंदे इंतिज़ार By Sher << हर शक्ल में था वही नुमूदा... है इस अंजुमन में यकसाँ अद... >> हाँ दिल-ए-बे-ताब चंदे इंतिज़ार अम्न-ओ-राहत का ठिकाना और है Share on: