हाँ ऐ फ़लक-ए-पीर जवाँ था अभी आरिफ़ By Sher << रोया हूँ तो अपने दोस्तों ... सुना है उस के बदन की तराश... >> हाँ ऐ फ़लक-ए-पीर जवाँ था अभी आरिफ़ क्या तेरा बिगड़ता जो न मरता कोई दिन और Share on: