हाँ हाँ तुम्हारे हुस्न की कोई ख़ता नहीं By Sher << कभी ये फ़िक्र कि वो याद क... अक्स से अपने वो यूँ कहते ... >> हाँ हाँ तुम्हारे हुस्न की कोई ख़ता नहीं मैं हुस्न-ए-इत्तिफ़ाक़ से दीवाना हो गया Share on: