हादसात-ए-दहर में वाबस्ता-ए-अर्बाब-ए-दर्द By Sher << हाए क्या चीज़ थी जवानी भी दुनिया का ख़ून दौर-ए-मोहब... >> हादसात-ए-दहर में वाबस्ता-ए-अर्बाब-ए-दर्द ली जहाँ करवट किसी ने इंक़लाब आ ही गया Share on: