हादसे से हादसे तक ज़िंदगी का है सफ़र By Sher << सोच रहा हूँ मैं इस का सौद... ख़ुदा करे कहीं मय-ख़ाने क... >> हादसे से हादसे तक ज़िंदगी का है सफ़र बीच में ख़ुशियाँ हैं कुछ वो भी ग़मों के साथ हैं Share on: