है जुदा सज्दा की जा हिन्दू मुसलमाँ की मगर By Sher << रोज़ इक मर्ग का आलम भी गु... हवस हम पार होएँ क्यूँकि द... >> है जुदा सज्दा की जा हिन्दू मुसलमाँ की मगर फ़हम वालों के तईं दैर-ओ-हरम दोनों एक Share on: