है मसअले का हल ये उसी दर पे जाऊँ मैं By Sher << ये ज़ोर-ए-बर्क़-ओ-बाद ये ... प्यार अपने पे जो आता है त... >> है मसअले का हल ये उसी दर पे जाऊँ मैं जिस दर पे अब मैं जाने के क़ाबिल नहीं रहा Share on: