है तेरे लिए सारा जहाँ हुस्न से ख़ाली By Sher << भूल के कभी न फ़ाश कर राज़... ग़रीब भूक की ठोकर से ख़ून... >> है तेरे लिए सारा जहाँ हुस्न से ख़ाली ख़ुद हुस्न अगर तेरी निगाहों में नहीं है Share on: