है वसिय्यत कि कफ़न मुझ को इसी का देना By Sher << जेब ख़ाली है 'अदम'... कोई वक़्त बतला कि तुझ से ... >> है वसिय्यत कि कफ़न मुझ को इसी का देना हाथ आ जाए जो उतरा हुआ पैराहन-ए-दोस्त Share on: