हैं क़हक़हे किसी के किसी की हैं सिसकियाँ By Sher << ख़ुदा करे मिरा मुंसिफ़ सज... न दुनिया का हूँ मैं न कुछ... >> हैं क़हक़हे किसी के किसी की हैं सिसकियाँ शामिल रहा ख़ुशी में किसी बेबसी का शोर Share on: