हैरत से तकता है सहरा बारिश के नज़राने को By Sher << शाम पड़े सो जाने वाला! दी... अब तुम से क्या किसी से शि... >> हैरत से तकता है सहरा बारिश के नज़राने को कितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को Share on: