वो मुझे छोड़ के इक शाम गए थे 'नासिर' By Sher << ये दर्द है हमदम उसी ज़ालि... वो जो कहता था कि 'नास... >> वो मुझे छोड़ के इक शाम गए थे 'नासिर' ज़िंदगी अपनी उसी शाम से आगे न बढ़ी Share on: