हाल-ए-दिल अग़्यार से कहना पड़ा By Sher << इस ज़िंदगी में इतनी फ़राग... शब जो मस्जिद में जा फँसे ... >> हाल-ए-दिल अग़्यार से कहना पड़ा गुल का क़िस्सा ख़ार से कहना पड़ा Share on: