हम और फ़रहाद बहर-ए-इश्क़ में बाहम ही कूदे थे By Sher << मैं बहुत जल्द लौट आऊँगा ख़ुद मिरी आँखों से ओझल मे... >> हम और फ़रहाद बहर-ए-इश्क़ में बाहम ही कूदे थे जो उस के सर से गुज़रा आब मेरी ता-कमर आया Share on: