हम बहुत देखे फ़रंगिस्तान के हुस्न-ए-सबीह By Sher << वो जो इक शर्त थी वहशत की ... ज़ाहिद तिरा तो दीन सरासर ... >> हम बहुत देखे फ़रंगिस्तान के हुस्न-ए-सबीह चर्ब है सब पर बुतान-ए-हिन्द का रंग-ए-मलीह Share on: