हम गर्दिश-ए-गिर्दाब-ए-अलम से नहीं डरते By Sher << झूट बोलों तो गुनहगार बनों कितने मअनी रखता है ज़रा ग... >> हम गर्दिश-ए-गिर्दाब-ए-अलम से नहीं डरते तूफ़ाँ है अगर आज किनारा भी तो होगा Share on: