हम गुलशन-ए-हैरत में हैं पर्वाज़ कहाँ की By Sher << हम हैं वो जिंस कि कहते है... हम दिवानों का ये है दश्त-... >> हम गुलशन-ए-हैरत में हैं पर्वाज़ कहाँ की जूँ बुलबुल-ए-तस्वीर कभी टुक न हिले पर Share on: