हम जाम-ए-मय के भी लब तर चूसते नहीं By Sher << शहर उन के वास्ते है जो रह... मेरे जुनूँ को ज़ुल्फ़ के ... >> हम जाम-ए-मय के भी लब तर चूसते नहीं चसका पड़ा हुआ है तुम्हारी ज़बान का Share on: