हम ख़ुद भी हुए नादिम जब हर्फ़-ए-दुआ निकला By Sher << इस अक़्ल की मारी नगरी में... बाहर जो नहीं था तो कोई बा... >> हम ख़ुद भी हुए नादिम जब हर्फ़-ए-दुआ निकला समझे थे जिसे पत्थर वो शख़्स ख़ुदा निकला Share on: