हम पे जो गुज़री बताया न बताएँगे कभी By Sher << मौजूद थे अभी अभी रू-पोश ह... होती नहीं है दिल को तसल्ल... >> हम पे जो गुज़री बताया न बताएँगे कभी कितने ख़त अब भी तिरे नाम लिखे रक्खे हैं Share on: