हम पे जो गुज़री है बस उस को रक़म करते हैं By Sher << फ़िराक़-ए-यार ने बेचैन मु... क्या इसी को बहार कहते हैं >> हम पे जो गुज़री है बस उस को रक़म करते हैं आप-बीती कहो या मर्सिया-ख़्वानी कह लो Share on: