हम से पाई नहीं जाती कमर उस की ऐ ज़ुल्फ़ By Sher << मोहब्बत रंग दे जाती है जब... साक़ी मुझे ख़ुमार सताए है... >> हम से पाई नहीं जाती कमर उस की ऐ ज़ुल्फ़ तू ही कुछ राह बता दे तो कमर पैदा हो Share on: