हम वो रह-रव हैं कि चलना ही है मस्लक जिन का By Sher << मुसल्ला रखते हैं सहबा-ओ-ज... बुतान-ए-हिन्द मिरे दिल मे... >> हम वो रह-रव हैं कि चलना ही है मस्लक जिन का हम तो ठुकरा दें अगर राह में मंज़िल आए Share on: