हमारे दिल से क्या अरमान सब इक साथ निकलेंगे By Sher << ख़ुदा-वंदा ये कैसी सुब्ह-... वस्ल में सूख गई है मिरी स... >> हमारे दिल से क्या अरमान सब इक साथ निकलेंगे कि क़ैदी मुख़्तलिफ़ मीआ'द के होते हैं ज़िंदाँ में Share on: