हमारे नाम की तख़्ती भी उन पे लग न सकी By Sher << बताऊँ क्या तुम्हें हासिल ... ता-अबद जिस का न साया जाए >> हमारे नाम की तख़्ती भी उन पे लग न सकी लहू में गूँध के मिट्टी जो घर बनाए गए Share on: