हमारे शहर के लोगों का अब अहवाल इतना है By Sher << हाथ काँटों से कर लिए ज़ख़... गुल पर क्या कुछ बीत गई है >> हमारे शहर के लोगों का अब अहवाल इतना है कभी अख़बार पढ़ लेना कभी अख़बार हो जाना Share on: