हमारी बात किसी की समझ में क्यूँ आती By Sher << किसी का नाम न लूँ और ग़ज़... की मिरे ब'अद क़त्ल से... >> हमारी बात किसी की समझ में क्यूँ आती ख़ुद अपनी बात को कितना समझ रहे हैं हम Share on: