हमारी कश्ती-ए-तौबा का ये हुआ अंजाम By Sher << तेरे ख़याल-ए-नाफ़ से चक्क... चीन-ए-पेशानी न दिखलाओ मैं... >> हमारी कश्ती-ए-तौबा का ये हुआ अंजाम बहार आते ही ग़र्क़-ए-शराब हो के रही Share on: