हमें नर्गिस का दस्ता ग़ैर के हाथों से क्यूँ भेजा By Sher << इस तरह ज़िंदगी ने दिया है... मैं दुनिया के मेआ'र प... >> हमें नर्गिस का दस्ता ग़ैर के हाथों से क्यूँ भेजा जो आँखें ही दिखानी थीं दिखाते अपनी नज़रों से Share on: