हँस के कहता है मुसव्विर से वो ग़ारत-गर-ए-होश By Sher << सूखे पत्ते सब इकट्ठे हो ग... आईना रू-ब-रू रख और अपनी छ... >> हँस के कहता है मुसव्विर से वो ग़ारत-गर-ए-होश जैसी सूरत है मिरी वैसी ही तस्वीर भी हो Share on: