हर इक फ़िक़रे पे है झिड़की तो है हर बात पर गाली By Sher << जैसी निगाह थी तिरी वैसा फ... अब भी जो लोग सर-ए-दार नज़... >> हर इक फ़िक़रे पे है झिड़की तो है हर बात पर गाली तुम ऐसे ख़ूबसूरत हो के इतने बद-ज़बाँ क्यूँ हो Share on: