हर ख़ुशी दिल से क्यूँ लगा बैठें By Sher << कुछ बे-अदबी और शब-ए-वस्ल ... देखा न तुझे ऐ रब हम ने हा... >> हर ख़ुशी दिल से क्यूँ लगा बैठें किस में ग़म हो पता नहीं होता Share on: