हर ख़्वाब शिकस्ता है तामीर-ए-नशेमन का By Sher << 'अनवर' ने बदले जा... हुए असीर तो फिर उम्र भर र... >> हर ख़्वाब शिकस्ता है तामीर-ए-नशेमन का हर सुब्ह के माथे पर बाज़ार की गर्मी है Share on: